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जैसलमेर,शहीद नरपतसिंह राठौड़ की राजकीय सम्मान से अंत्येष्टि,उमड़ा जन सैलाब

रिपोर्टर @ गणेश जैन जैसलमेर/फलसुण्ड। कर चले हम फिदा जान ऐ तन साथियों, अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों...का गीत लोगों के जहन में उस समय गूं...

रिपोर्टर @ गणेश जैन
जैसलमेर/फलसुण्ड। कर चले हम फिदा जान ऐ तन साथियों, अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों...का गीत लोगों के जहन में उस समय गूंजने लगा, जब जैसलमेर जिले   के राजमथाई गांव के सपूत नरपतसिंह राठौड. का शव अपने घर से अंतिम यात्रा के लिए रवाना हुआ। इस नजारे ने हर किसी की आंखों में अश्रुधारा ला दी, जब शव को लेकर भारतीय सेना के जवान व उनके परिजन रवाना हुए, तो मौके पर मौजूद हजारों लोग अपने आंसुओं को नहीं रोक सके। देश की रक्षा के लिए शहीद हुए राजमथाई के इस सपूत की शान में हर किसी का सिर गर्व से उंचा था, तो सीना गर्व से फूला हुआ था, लेकिन फिर भी आंखे नम थी। इससे पहले रविवार की रात को शहीद नरपतसिंह राठौड. की पार्थिव देह जैसलमेर पहुंची। सोमवार सुबह पार्थिव देह को नरपतसिंह के पैतृक गांव राजमथाई लाने के बाद अंतिम यात्रा की तैयारी शुरू की गई। इस दौरान भारतीय सेना के अधिकारियों ने पुष्पचक्र अर्पित किए तो जवानों ने शशस्त्र सलामी दी। जैसलमेर के विधायक छोटूसिंह भाटी, पोकरण विधायक शैतानसिंह राठौड., पूर्व विधायक सालेह मोहम्मद, राज्य बीज निगम के अध्यक्ष शंभूसिंह खेतासर  राजस्व मंत्री अमराराम चोरी जिला कलेक्टर मातदिन शर्मा पुलिस अधीक्षक एसपी गोरवयादव पुर्व विधायक सागसिहं भाटी   ने भी पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।
अंतिम यात्रा के लिए रवाना 
   भारतीय सेना की ओर से पुष्पचक्र अर्पित करने के बाद नरपतसिंह की पार्थिव देह को सजाया गया। इसके बाद शव को लेकर रवाना हुए। इस दौरान हजारों की संख्यां में लोग मौजूद रहे। मौके पर नेताओं के काफिले के साथ आमजन भी मौजूद रहे। इससे अंतिम यात्रा के दौरान माहौल देशभक्ति से सराबोर रहा। 
नारों से गूंजा गगन 

  उसम में उल्फा उग्रवादियों से लोहा लेते हुए शहीद हुए लोंगासर के नरपतसिंह को की शहादत के बाद अंतिम यात्रा में शरीक हुए लोगों ने नरपसिंह की शान में नारे लगाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। शव यात्रा में शामिल हुए लोगों ने भारत माता के जयकारों के साथ नरपतसिंह अमर रहे.., जब तक सूरज चांद रहेगा, नरपतसिंह का नाम रहेगा जैसे गगनभेदी नारे लगाए, तो वहां मौजूद हर किसी की आंखे नम हो गई।
परिजनों को बंधाया ढांढस 

 देश की रक्षा के लिए शहीद हुए नरपतसिंह की पार्थिव शव राजमथाई के लोंगासर पहुंची तो घर में मातम छा गया। शहीद राठौड के परिजनों की आह निकल गई। जिससे मौके पर गमगीन वातावरण बन गया। जनप्रतिनिधियों व भारतीस सैना के जवानों ने संभाला और उन्हें ढांढस बंधाया। लूंगासर से शवयात्रा रवाना होने के बाद राजमथाई पहुंची। भारतीय सेना के साथ पुलिस के जवान व अधिकारी भी मौके पर मौजूद रहे। शहीद को उसके पुत्र ने दी मुखाग्नी, देह पंचतत्व में हुई विलीन।
असम के उल्फा उग्रवादियों से लोहा लेते हुए शहीद हुए लोंगासर के शहीद नरपतसिंह की देह का उनके पैतृक गांव लोंगासर राजमथाई में पंचतत्व में विलीन हो गई। शहीद राठौड की पार्थिव देव को उनके आठ वर्षीय पुत्र रावलसिंह ने मुखाग्नी दी। इसके बाद भारतीय सैना ने उनके सम्मान में सशस्त्र सलामी दी। इस दौरान बडी संख्यां में लोग उपस्थित रहे।
चंदन की लकडी पर शहीद की पार्थिव देह को सजाया गया। जिसके बाद वैदिक रीति से शहीद नरपतसिंह के पार्थिव देह का अग्नी से अंतिम संस्कार दे उन्हें विदाई दी गई। अंतिम संस्कार के दौरान लोंगासर के सपूत नरपतसिंह के परिजनों के साथ पूरे गांव के लोगों की आंखे नम थी। देश के जवानों ने भी नम आंखों से अंतिम संस्कार की रस्म निभाई। इससे पहले शहीद राठौड के पार्थिव शरीर को उनके घर से भारतीय सेना के जवान व उनके परिजन लेकर रवाना हुए और राजमथाई लेकर पहुंचे। जहां शहीद के शव का अंतिम संस्कार किया गया। इस मौके पर मौजूद हजारों लोग अपने आंसुओं को नहीं रोक सके।
देश की रक्षा के लिए शहीद हुए राजमथाई के इस सपूत की शान में हर किसी का सिर गर्व से उंचा था, तो सीना गर्व से फूला हुआ था, लेकिन फिर भी आंखे नम थी। इससे पहले रविवार की रात को शहीद नरपतसिंह राठौड. की पार्थिव देह जैसलमेर पहुंची। सोमवार सुबह पार्थिव देह को नरपतसिंह के पैतृक गांव राजमथाई लाने के बाद अंतिम यात्रा की तैयारी शुरू की गई। इस दौरान भारतीय सेना के अधिकारियों ने पुष्पचक्र अर्पित किए तो जवानों ने शशस्त्र सलामी दी। जैसलमेर के विधायक छोटूसिंह भाटी, पोकरण विधायक शैतानसिंह राठौड., पूर्व विधायक सालेह मोहम्मद, राज्य बीज निगम के अध्यक्ष शंभूसिंह खेतासर ने भी पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।

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