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थार के वीर सपूत शहीद नरपत सिंह राठौड़ के घर से जाने समाचार

रिपोर्टर @ गणेश जैन जैसलमेर। जिले के राजमथाई क्षेत्र की धोलासर ग्राम पंचायत के लोंगासर निवासी पूर्व सैनिक सवाईसिंह के पुत्र व भारतीय थल सेन...

रिपोर्टर @ गणेश जैन
जैसलमेर। जिले के राजमथाई क्षेत्र की धोलासर ग्राम पंचायत के लोंगासर निवासी पूर्व सैनिक सवाईसिंह के पुत्र व भारतीय थल सेना की 15 कुमायूं रेजिमेंट में नायक के पद पर कार्यरत नरपतसिंह राठौड़ (40) के शहीद हो जाने के समाचार शनिवार को दोपहर 12 बजे बटालियन के अधिकारियों ने सबसे पहले उसकी धर्मपत्नी भंवरकंवर को मोबाइल पर दिए।

यह समाचार मिलते ही वह अचेत हो गई। उसके अचेत हो जाने व कुछ देर बाद चिल्लाने पर परिवार की अन्य महिलाएं व पुरुष भी दौडक़र उसके पास आए तथा यह सुनकर कि नरपतसिंह देश के लिए शहीद हो गया, वे भी गमगीन हो गए। शहीद नरपतसिंह का शव रविवार की शाम अथवा सोमवार को सुबह तक उनके पैतृक गांव लोंगासर पहुंचने की संभावना है। शहीद की पार्थिव देह गांव पहुंचने के बाद सैनिक सम्मान के साथ उनकी अंत्येष्टी की जाएगी। गौरतलब है कि नरपतसिंह अपनी 20 वर्ष की सैन्य सेवाओं के बाद आगामी फरवरी 2017 में सेवानिवृत होने वाला था, लेकिन विधि को कुछ और ही मंजूर था तथा वह सेवानिवृत्ति के तीन माह पूर्व ही 19 नवम्बर 2016  राष्ट्र की रक्षा के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए।
क्रुदन व गमगीन माहौल

नरपतसिंह के उल्फा उग्रवादियों से लोहा लेते एक हमले में शहीद हो जाने के समाचार राजमथाई, धोलासर, लोंगासर, सुभाषनगर, हरियासर, मसूरिया आदि क्षेत्र में जंगल में फैल गए। देखते ही देखते उसके निवास स्थान पर परिवार के सदस्यों, सगे संबंधियों व अन्य ग्रामीणों की भीड़ लग गई। उसकी पत्नी, पिता, माता व बच्चों का रो-रो कर बुरा हाल हो रहा था। सभी लोग उन्हें समझाने व ढांढस बंधाने में लगे हुए थे।
छुट्टी भी हुई थी मंजूर

पारिवारिक सूत्रों के अनुसार कुछ दिन पूर्व नरपतसिंह से टेलीफोन से हुई बातचीत के अनुसार परिवार में आगामी 12 दिसम्बर को शादी समारोह में शरीक होने के लिए भी गांव आने वाले थे। जिसके लिए उन्होंने छुट्टी भी मंजूर करवा ली थी। शहीद नरपतसिंह के पिता सवाईसिंह राठौड़ भी भारतीय सेना में सैनिक के रूप में सेवाएं दे चुके है तथा वर्तमान में 70 वर्ष की अवस्था में गत कुछ वर्षों से बीमारी के कारण अस्वस्थ चल रहे है। उसके चाचा दलपतसिंह राठौड़ व तनसिंह राठौड़ भी भारतीय सेना में राष्ट्र की सेवा करते हुए सेवानिवृत्त हो चुके है। शहीद नरपतसिंह अपने पिता के सबसे बड़े पुत्र होने के कारण उनकी परिवार व समाज में बहुत बड़ी जिम्मेदारी थी। उनके शहीद हो जाने से परिवार पर बहुत बड़ा वज्रपात हुआ है। उसके छोटे भाई भोमसिंह पर बीमार व वृद्ध माता-पिता की सेवा, छोटी बहिन का विवाह सहित अन्य सामाजिक जिम्मेवारियां बढ़ चुकी है।
शहीद का परिवार 

शहीद नरपतसिंह राठौड़ के पिता सवाईसिंह राठौड़ पूर्व सैनिक हैं, उनकी माता उदयकंवर व पत्नी भंवरकंवर हैं। परिवार में उनके  एक छोटा भाई व  एक छोटी बहिन तथा तीन पुत्रियां व एक पुत्र है। वे सेना में नायक के पद पर कार्यरत थे और उनकी रेजीमेंट 15 कुमाऊ थी।

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