सीमांत क्षेत्र के एक किसान का नरेंद्र मोदी के नाम पर खुला पत्र .......................................... आदरणीय मोदी जी हिन्दुस्तान की शर...
सीमांत क्षेत्र के एक किसान का नरेंद्र मोदी के नाम पर खुला पत्र
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आदरणीय मोदी जी हिन्दुस्तान की शरहद से भूख मरते किसान का प्रणाम मोदी जी आज मोदी जी आज से दस माह पूर्व मेरी ढाणी में लगातार 15 दिन तक एक गाडी रोज सुबह शाम आती थी उसमे एक साउण्ड लगा हुआ था जिसमे जोर शोर से आवाज आती थी की अच्छे दिन आने वाले है हम मोदी जी को लाने वाले है । वो आवाज सुनकर मुझे बहुत जोश आता था मुझे लगता था की अब मेरी परेशानियो का समाधान हो जाएगा सोचता था की अब हालात बदल जायेंगे । धोरो पर बसे किसानो के भी अच्छे दिन आएंगे अब हमारी गाये हर साल अकाल में भूख से नही मरेगी मोदी जी गौ भक्त है उनको मेरी गायो की परवाह जरूर होगी। आप प्रधानमन्त्री बने उस दिन मै बहुत खुश था आप सपथ ले रहे थे मुझे लगा मै खुद सपथ ले रहा हूँ इतना मुझे आप पर उस साउण्ड के कारण विश्वाश हो गया था मोदी जी मै हर साल अकाल का दंश सहता हूँ हर बार कई दिनों तक अपने बच्चो को भूखा सुलाता हूँ और कई पशुओ को आँखों के सामने तड़प तड़प कर मर जाते हुए देखता हूँ । इस बार मै और मेरी पत्नी छूप छूप कर अपनी निर्धनता पर रोते है सोचते है । काश हमारे पास धन होता तो बच्चो को भूखा न सुलाते पशुओ को यु आँखों के आगे मरने नहीं देते सिवाय आँसू बहाने के अलावा और हम कर भी क्या सकते है । खेर इस बार भी अकाल पड़ा है कई महीने से चारे पानी के संकट चल रहे है । सोचा की आप तो जरूर मदद देँगे लेकिन कोई मदद नही मिली फिर भी मैने हिम्मत नहीं हारी पत्नी के गहने इस उम्मीद से गिरवी रखे की सायद सरकारी काम है देर हो जायेगी पत्नी के गहने गिरवी रख बच्चो और पशुओ का पेट भरा उससे कुछ दिन तक आधा पेट गुजारा चला लेकिन एक दिन पैसे चारा और राशन खत्म हो गया बच्चे भूख मरने लगे तब मुझे फिर आपकी याद आई फिर मन में ख्याल आया की सायद मोदी जी तक अकाल होने की बात पहुँची नही होगी वरना मोदी जी इतनी देर नही करते फिर बच्चो के खातिर साहूकार से भारी ब्याज पर पैसे लेकर कुछ दिन चल सके उतना राशन और चारा खरीदा इस सामान से हमारा गुजारा थोड़े दिन ही चलेगा इसलिए मेरी पत्नी ने तरकीब चलाई है अब मेरे बच्चे सप्ताह में 3 दिन खाना खाते है और पशु सप्ताह में एक बार मोदी जी अब सीघ्र ही आपने मेरी आवाज नहीं सुनी तो मेरे बच्चे और पशु दोनों भूख से मर जायेगे ।
आपका
भूखा किसान
@तरुण मुखी
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