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अगर आएं राजस्थान तो इन 10 जगहों को देखना न भूलें

जब भी  किलो, महलों और शाही संस्कृति की बात की जाती है तो सबसे पहले राजस्थान का नाम दिमाग में आता है। यहां की वीर गाथाएं और शाही अंदाज आज भी ...

जब भी  किलो, महलों और शाही संस्कृति की बात की जाती है तो सबसे पहले राजस्थान का नाम दिमाग में आता है। यहां की वीर गाथाएं और शाही अंदाज आज भी लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है। आइए रूबरू होते है यहां के ऎतिहासिक किले, पर्यटन स्थलों और शाही अंदाज से..




जय जय राजस्थान


अलवर की "सिलीसेढ़ झील" : सिलीसेढ़ झील अलवर से करीब 16 किलोमीटर दूर है। तीन ओर से अरावली पर्वत श्ृंखलाओं से घिरा यह सुरम्य स्थल पर्यटकों के आकर्षण का प्रमुख केंद्र है। यह झील एक प्राकृतिक झील है, जो अपनी सुंदरता से किसी का भी मन मोह सकती है। सिलीसेढ़ झील के किनारे स्थित "राजस्थान पर्यटन विकास निगम" के लेक पैलेस होटल में ठहरने की व्यवस्था है।


जोधपुर की शान "मेहरानगढ़" : मेहरानगढ़ किला पहाड़ी के बिल्कुल ऊपर बसे होने के कारण राजस्थान राज्य के सबसे खूबसूरत किलों में से एक है। मेहरानगढ़ किले को जोधपुर का किला भी कहा जाता है। मेहरानगढ़ किला 120 मीटर ऊंची पहाड़ी पर निर्मित है। 



अजमेर दरगााह शरीफ : ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती दरगाह राजस्थान के शहर अजमेर में स्थित है। इसे "दरगाह अजमेर शरीफ" और भारत का "मक्का" भी कहा जाता हैं। "मक्का" के बाद सभी मुस्लिम तीर्थ स्थलों में इसका दूसरा स्थान हैं। 




रणथम्भौर दुर्ग: यह दुर्ग भारत के सबसे मजबूत दुर्गो में से एक है। यह रणथम्भौर नेशनल सेंचुरी बाघ परियोजना के किनारे स्थित है। चारों ओर से विशाल रक्षा प्राचीरों से घिरे इस दुर्ग में सात विशाल दरवाजे हैं। इसके अलावा यहां का गणेश मंदिर स्थानीय पर्यटकों और श्रद्धालुओं के बीच बहुत प्रसिद्ध है


जैसलमेर का सोनार किला : जैसलमेर राजस्थान का सबसे खूबसूरत शहर है। इसे "स्वर्ण नगरी" के नाम से भी जाना जाता है। यहां का गौरवशाली दुर्ग त्रिभुजाकार पहाड़ी पर स्थित हैं। इसमें स्थित आवासीय भवन पीले पत्थरों से बने हुए है और सूर्य की रोशनी में स्वर्णिम आभा बिखेरते हैं। इसलिए इसे "सोनार किला" के नाम से पुकारा जाता है। 

लेक पैलेस : यह राजस्थान की प्रमुख और शानदार इमारतों में से एक है। यह खूबसूरत संरचना "पिछोला झील" के बीच "जग निवास द्वीप" पर स्थित है। महाराणा जगत सिंह ने वर्ष 1743 में एक ग्रीष्म कालीन निवास के रूप में इस महल का निर्माण करवाया था। जो वर्तमान समय में एक पाँच सितारा होटल में बदल गया है। 



मांउट आबू की "नक्की झील": "नक्की झील" माउंट आबू का प्रमुख आकर्षण है। नक्की झील राजस्थान की सबसे ऊंची झील है। मीठे पानी की यह झील सर्दियों में अक्सर जम जाती है। कहा जाता है कि एक हिन्दू देवताओं ने अपने नाखूनों से खोदकर यह झील बनाई थी। इसीलिए इसे "नक्की झील" नाम से जाना जाता है। 


चित्तौड़गढ़ का "विजय स्तम्भ" : विजय स्तम्भ राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में स्थित एक स्तम्भ या टॉवर है। इसे मेवाड़ नरेश राणा कुम्भा ने विजय स्मारक के रूप में था। 122 फीट ऊंचा, 9 मंजिला विजय स्तंभ भारतीय स्थापत्य कला की बारीक एवं सुन्दर कारीगरी का नायाब नमूना है, जो नीचे से चौड़ा, बीच में संकरा एवं ऊपर से पुन: चौड़ा डमरू के आकार का है।



जोधपुर का उम्मेद भवन पैलेस : यह भारत के सबसे भव्य महलों में से एक है। इसे महाराजा उम्मेद सिंह द्वारा बनवाया गया था। इस भवन को 1977 में एक हेरिटेज होटल में परिवर्तित कर दिया गया है
आमेर का किला : आमेर में जयपुर शहर से 11 किमी. दूर स्थित है। यह जयपुर के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है, जो कि पहाड़ी पर स्थित है। आमेर दुर्ग का निर्माण राजा मान सिंह-प्रथम ने करवाया था। आमेर दुर्ग अपनी कलात्मक शैली के लिए जाना जाता है। अपनी विशाल प्राचीर, दरवाजों के साथ विशालता लिए पर्यटकों को लुभाता है। 













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