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बालोतरा अपना अस्तित्व खोकर कचरे में तब्दील हो रही "मरूगंगा"

बालोतरा । लूनी नदी को नगर परिषद ने कूड़ा घर बना दिया है। सफाई कर्मचारी शहर के तमाम कूड़े करकट को नदी की कोख में उड़ेल रहे हैं। बालोतरा सरहद ...

बालोतरा। लूनी नदी को नगर परिषद ने कूड़ा घर बना दिया है। सफाई कर्मचारी शहर के तमाम कूड़े करकट को नदी की कोख में उड़ेल रहे हैं। बालोतरा सरहद में नदी की तलहटी गंदगी से अटी पड़ी है। नदी के किनारे स्थित बस्तियों का गंदा पानी भी बहाव क्षेत्र में छोड़ा जा रहा है।

गंदगी ने नदी के स्वरूप को बिगाड़ कर रख दिया है। नदियों को साफ सुथरा व प्रदूषणमुक्त बनाए रखने को लेकर राजस्थान उच्च न्यायालय ने सख्त आदेश दे रखे हैं, लेकिन बालोतरा में नगर परिषद प्रशासन इसकी पालना नहीं कर रहा है। रेलवे की तीसरी फाटक से लेकर गांधीपुरा तक नदी का बहाव क्षेत्र कूड़े के ढेर में तब्दील हो चुका है।

और इधर उड़ेला जा रहा जहर
बिठूजा इलाके में चल रही धुपाई इकाईयों का रसायनिक पानी नदी में बहाया जा रहा है। जगह-जगह स्लज के ढेर लगे पड़े हैं। आस-पड़ोस की बस्तियों के लोगो का दुर्गध के मारे बुरा हाल रहता है।

लापरवाही का आलम यह
नगर परिषद ने शहरी क्षेत्र के कचरे के शोधन-निस्तारण के लिए जेरला गांव के समीप 100 बीघा भूमि पर चारदीवारी बना रखी है। इसमें कचरा निस्तारण सयंत्र भी स्वीकृत है। शहर का कचरा डालने के लिए यह स्थान निर्घारित होने के बाद भी सफाई कर्मचारी लूनी नदी में कूड़ा करकट उड़ेल रहे हैं।

करे रोकथाम
शहर के कूड़े करकट को डालकर नदी को प्रदूषित किया जा रहा है। दुर्गध के कारण एक किलोमीटर के दायरे में आबादी बस्तियों के लोगो को भारी परेशानी हो रही है। गणेशराम चौधरी

संयंत्र में ही कचरा डालने के निर्देश
शुक्रवार दोपहर एक निजी ट्रैक्टर कचरा डाल रहा था। आस-पास के लोगों ने नदी में कचरे को खाली नहीं करने दिया। नगर परिषद ने सफाई कर्मचारियों को निर्देश दे रखे हैं कि कूड़े करकट को जेरला स्थित कचरा निवारण सयंत्र स्थल पर ही डालें।
महेश बी.चौहान, सभापति, नगर परिषद बालोतरा

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