बाड़मेर, 18 अप्रैल। अधिक गर्मी के कारण लू-तापघात की संभावना को मद्दनजर रखते हुए जनसाधारण को लू-तापघात से बचाव एवं उपचार संबंधित अधिकाधिक ...
बाड़मेर, 18 अप्रैल। अधिक गर्मी के कारण लू-तापघात की संभावना को मद्दनजर रखते हुए जनसाधारण को लू-तापघात से बचाव एवं उपचार संबंधित अधिकाधिक प्रचार-प्रसार तथा लू-तापघात के रोगियों को समुचित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए है।
जिला कलक्टर सुधीर शर्मा ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से लू-तापघात के रोगियों के उपचार के लिए माकूल इंतजाम करने के निर्देश दिए गए है। उन्होंने बताया कि चिकित्सालयों के एक वार्ड में कुछ बैड लू-तापघात के रोगियों के उपचार के लिए आरक्षित रखने, वार्डों को कूलर एवं पंखे से ठंडा रखने, मरीज तथा उसके परिजनों के लिए शुद्ध एवं ठंडे पेयजल की व्यवस्था रखने, संस्थान में रोगी के उपचार के लिए आपातकालीन किट में ओआरएस एवं आवश्यक दवाइयां तैयार रखने,चिकित्सक एवं नर्सिंग स्टॉफ को ड्यूटी के प्रति सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी हेमराज सोनी ने बताया कि लू एवं तापघात के लक्षणों में सिर का भारीपन, सिरदर्द, अधिक प्यास लगना एवं थकावट, जी मचलाना, सिर चकराना, शरीर का तापमान अत्यधिक 105 एफ या अधिक हो जाना, पसीना आना बंद होना, मुंह का लाल हो जाना, त्वचा का सूखा होना, अत्यधिक प्यास का लगना बेहोशी जैसी स्थिति का होना शामिल है। उन्होंने बताया कि लू-तापघात से कुपोषित बच्चे, वृद्ध, गर्भवती महिलायें, श्रमिक आदि शीघ्र प्रभावित हो सकते है। इन्हे प्रायः 10 बजे से सायं 6 बजे तक तेज गर्मी से बचाने के लिए छायादार ठंडे स्थान पर रहना उचित है। तेज धूप में निकलना आवश्यक हो तो ताजा भोजन करके उचित मात्रा में ठंडे जल का सेवन करके बाहर निकलना चाहिए। उनके मुताबिक थोड़े अंतराल के पश्चात ठंडे पानी, शीतल पेय, छाछ, ताजा फलों का रस का सेवन करने, तेज धूप में छाते का उपयोग अथवा कपड़े से सिर एवं बदन को ढ़ककर रखने एवं श्रमिकों के कार्यस्थल पर छाया एवं पानी का पूर्ण प्रबन्ध रखना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि लू-तापघात से प्रभावित रोगी को तुरन्त छायादार ठंडे स्थान पर लिटाया जाए एवं रोगी की त्वचा को गीले कपड़े से करने के साथ ही रोगी के कपड़ों को ढीला कर दिया जाए। रोगी को ठंडे पेय पदार्थ देने के साथ तत्काल नजदीक के चिकित्सा संस्थान में उपचार के लिए ले जाया जाए।
आर्थिक सहायता का बकाया भुगतान 20 अप्रैल तक करने के निर्देश
-एक मई से शुरू होगी आनलाइन भुगतान प्रक्रिया
बाड़मेर, 18 अप्रैल। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के निदेशक रवि जैन ने विभाग के समस्त जिला अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अंतर्गत पीडि़त एवं आश्रितों को देय आर्थिक सहायता वर्ष 2016-17 का बकाया भुगतान 20 अप्रैल तक करके अनापत्ति प्रमाण पत्र निदेशालय को भिजवाना सुनिश्चित करें।
निदेशक जैन ने बताया कि अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत पीडि़त एवं आश्रितोें को देय आर्थिक सहायता राशि में केन्द्र सरकार द्वारा 14 अप्रेल, 2016 से संशोधन कर वृद्धि की गई है। उन्होंने बताया कि अनुसूचित जाति जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के अंतर्गत देय आर्थिक सहायता एक मई, 2017 से एस जे एम एस पोर्टल पर ऑनलाईन करने की तैयारी कर ली गई है। एक मई, 2017 के पश्चात् आर्थिक सहायता का भुगतान आनलाइन प्रक्रिया से होगा।
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