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संघर्ष से सफलता की मिसाल बनी हेमलता ने शहीद पीराराम की मातृभूमि पहुँच उन्हें किया नमन, कई संगठनों ने किया सम्मान

संघर्ष से सफलता की मिसाल बनी हेमलता ने शहीद पीराराम की मातृभूमि पहुँच उन्हें किया नमन, कई संगठनों ने किया सम्मान बाड़मेर। सरहदी जिले में बालि...

संघर्ष से सफलता की मिसाल बनी हेमलता ने शहीद पीराराम की मातृभूमि पहुँच उन्हें किया नमन, कई संगठनों ने किया सम्मान




बाड़मेर। सरहदी जिले में बालिकाओं की मिसाल बनी सब इंस्पेक्टर हेमलता जाखड़ का कई संगठनों और लोगो ने स्वागत और बहुमान किया। बाड़मेर के छोटे से गाँव सरणू चिमन जी की हेमलता अपने संघर्ष के दिनों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता रही और अपनी मेहनत से वह राजस्थान पुलिस में थानेदार बनी है। बाड़मेर के बाछड़ाऊ में शहीद पीराराम की जन्मभूमि पहुँच कर सब इंस्पेक्टर हेमलता ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मरुधरा को वीर जाँबाजों की धरती बताया। उन्होंने मरुभूमि को शूरवीरों की मातृभूमि बताया। हेमलता जाखड़ का सरणू चिमन जी, बाड़मेर, रावतसर, चवा, बाछड़ाऊ, बायतु, लीलसर, सोडियार सहित कई गांवों में प्रबुद्ध जनों, संगठनों और लोगो ने सम्मान किया। 



सब इंस्पेक्टर हेमलता जाखड़ ने बताया कि विपरित परिस्थितियों ने ही मुझे संघर्ष करने की प्रेरणा दी। हर विपरीत परिस्थिति में मेरे माता-पिता मेरे साथ खड़े रहे। मुझसे भी ज्यादा मेरे परिजनों ने संघर्ष किया। उन्होंने लोगो के ताने सुने उलाहने सुनें। ताने देने वालों से मेरा ये ही कहना है और था कि जीवन में विरोधियों, निंदकों और ताने देने वालों की भी मेरी सफलता में बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका है। जब किसी फिल्म का निखार खलनायक की उपस्थिति के बिना नहीं आता है। ठीक वैसे ही जीवन में ताने देने वाले मिल गए तो समझो जीवन सफल हो गया। मैंने विरोधी, निंदक और ताने देने वालों से हमेशा अपने आप को सकारात्मक प्रेरणा दी कि, तुझे अब सफल होना ही है। अपने आप को सकारात्मक उर्जा से प्रेरित करती रही और मेरे लक्ष्य पर डटी रही। 



उन्होंने बताया कि मुझे बचपन से ही वर्दी से बेपनाह मोहब्बत थी खाकी का जुनून था। सपना था लगा था पुरा होगा। अजीब तो था लेकिन कहते हैं ना कि जब सपनों के लिए इरादा हो तो सारी चीज़ें जो मेरे मम्मी पापा का संघर्ष, मां का चुल्हा फुकना, मां पापा का तपतपाती धुप और लु में खेतों में काम करना, ये जो मिट्टी से घर बनाना, छप्पर बनाना इससे जो जीवन के प्रति अनुभव मिलता है उसे मन के कागज पर उतार देते हैं तो जीवन का संघर्ष हमें क्या हरायेगा। दुनिया की कोई भी ताकत हमें नहीं हरा सकती हैं।





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