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सरकार की गरीबी दुर करने वाली योजना धराछाई होने के कगार पर 

दो कदम गांव की और संवाददाता @ सरूपाराम प्रजापत -एमपाॅवर संस्था से जुड़ी 14 हजार महिलाएं पुराने नोट जमा करवाने के लिए दर दर भटकने को मजबुर ह...

दो कदम गांव की और संवाददाता @ सरूपाराम प्रजापत
-एमपाॅवर संस्था से जुड़ी 14 हजार महिलाएं पुराने नोट जमा करवाने के लिए दर दर भटकने को मजबुर हो रही हैं
-संस्था ने परियोजना निदेशक एमपाँवर ( श्योर ) जोधपुर को लिखा पत्र
-समुहों की महिलाओं ने देश के चौथे स्वतंत्र पत्रकार( मिडिया ) को समस्या से निजात दिलाने में सहयोग करने की गुहार लगाई

बाड़मेर/बायतु/हीरा की ढाणी। बाड़मेर सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक और इनसे सम्बंधित मिनी बैंको की शाखाओं ने जमाकर्ताओं से राशि लेने से किया इनकार कर दिया है। जिम्मेदारों ने अपना पल्ला झाडते हुए  कहा कि आरबीआई ने 500 और1000 रूपये के नोट जमा करने की हमें स्वीकृति नहीं दी हैं । जिससे राजस्थान सरकार के ग्रामीण विकास और पचायत्ती राज विभाग द्वारा संस्थाओं के सहयोग से संचालित पश्चमी राजस्थान गरीबी शमन परियोजना(एमपॉवर) मे स्वयं सहायता समूहों की महिला सदस्यों द्वारा छोटी छोटी बचत कर हर माह राशि इकट्ठी की जा रही है एवं अपनी घरेलु जरूरतो को पूरा करने के बाद शेष राशि को बैंक मे जमा करवाई जाती है। ग्रामीण अंचलो में राष्ट्रीय कृत बैंकें नही होने से मिनी बैंको मे खाते खोले गए है ,जिसमें एमपॉवर द्वारा भी 15000 से 100000 लाख तक की राशि इन समुहों को दी गई है । जिससे ये जरूरत मंद महिलायें अपने जरूरत के हिसाब से बैंक से लेन देन करती है एवं हर समूह 5000 से 10000 रूपये आकस्मिक जरूरत के लिये नकद मे भी रखती है, इस प्रकार पुरे क्षेत्र मे14000 महिलाये समूह से जुडी हुई है जिनके करोड़ो रुपये 500 और हजार के नोटों के रूप मे अटक गए है, सरकारी की गरीबी कम करने की 8 साल से चल रही योजना अगर ये नोट नही बदले गए तो धराशाही हो जायेगी। मैने इन मिनी बैंको के मैनेजरों से फोन पर सम्पर्क किया तो सभी ने यही जवाब दिया क़ि हम 500 और1000 के नोट लेने के लिए अधिकृत नही है। इस सम्बंध में मैने परियोजना निदेशक एमपॉवर जोधपुर को पत्र लिख कर भी अवगत करवा दिया है। इस प्रकार बैंक की महिला खाता धारक परेशान हो रही है जिसके लिए आप सभी से अपील है कि इस हेतु प्रयास कर कोई न कोई रास्ता निकलवाने मे मदद करें। 

इस बारे में संस्था के उच्च अधिकारीयों को जोधपुर को पत्र लिख दिया हैं । 
सभी पत्रकारों से निवेदन है क़ि इस समस्या को  सरकार व  प्रशासन का ध्यान आकर्षित करावे ताकि आमजन व प्रधानमंत्री महोदय  तक गरीब और जरूरतमंद महिलाओं को राहत मिल सके। परियोजना समन्वयक एमपॉवर(श्योर) बायतु कानाराम प्रजापत।

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